हिमा दास-19 दिनों के अंदर 5 गोल्ड जीतने वाली धावक हैं.-स्पोर्ट्स की कलम से
हिमा दास
19 दिनों के अंदर 5 गोल्ड जीतने वाली 19 वर्षीय हिमा दास एक कुशल धावक है. हिमा दास ने भारत को पांच गोल्ड जीता कर गौरवान्वित किया है. आज बात करते हैं हिमा दास के बारे में जो कि सिर्फ 19 वर्ष की है और 19 दिनों के अंदर 5 गोल्ड जीतने वाली धावक हैं.
हिमा दास का जन्म 9 जनवरी 2000 को नगांव जिले के धिंग गांव में हुआ था. हिमा एक साधारण किसान परिवार से हैं. हिमा दास स्कूल के समय से ही फुटबॉल खेलती थी और एक स्ट्राइकर के रूप में अपनी पहचान बनाना चाहती थी. हिमा को धावक के रूप में अपनी पहचान बनाने की सलाह जवाहर नवोदय विद्यालय के शारीरिक शिक्षक शमशुल हक ने दी थी. उनकी सलाह पर हिमा ने दौड़ना शुरू किया.
3 साल पहले ही रेसिंग ट्रैक पर कदम रखा. हिमा के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी.
हिमा के कोच नीपोन ने कहा की हिमा दास जैसी कम उम्र में ऐसी धावक नहीं देखी.
हिमा दास ने अपना आधा वेतन असम में आई हुई बाढ़ के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में दान कर दी है
19 दिनों के अंदर हिमा दास ने पाॅच गोल्ड जीते.
. पहला गोल्ड दो जुलाई को पोलैंड में पोजनन एथलेटिक्स ग्रांड पिक्स 200 मीटर रेस मैं हिस्सा लिया था यहां उन्होंने 23.65 सेकंड में रेस पूरा किया और भारत को गोल्ड जिताया.
. दूसरा गोल्ड 7 जुलाई को पोलैंड में कुटनो एथलेटिक्स मीट में 200 मीटर रेस 23.97 सेकंड मैं पूरा किया गोल्ड दिलवाया.
. तीसरा गोल्ड 13 जुलाई को चेक रिपब्लिक मे हुई क्लांदो मेमोरियल एथलेटिक्स में महिलाओ की 200 मीटर रेस को 23.43 सेकंड में पूरा कर गोल्ड जीता
. चौथा गोल्ड चेक रिपब्लिक में 17 जुलाई को ताबोर एथलेटिक्स मीट में 200 मीटर रेस को 23.25 सेकंड में पूरा किया भारत को गोल्ड दिलाया.
. पांचवा गोल्ड 20 जुलाई को चेक रिपब्लिक में 400 मीटर की रेस को 52.09 सेकंड में पूरा कर भारत को गोल्ड जिता कर गौरवान्वित किया.
19 दिनों के अंदर 5 गोल्ड जीतने वाली 19 वर्षीय हिमा दास एक कुशल धावक है. हिमा दास ने भारत को पांच गोल्ड जीता कर गौरवान्वित किया है. आज बात करते हैं हिमा दास के बारे में जो कि सिर्फ 19 वर्ष की है और 19 दिनों के अंदर 5 गोल्ड जीतने वाली धावक हैं.
हिमा दास का जन्म 9 जनवरी 2000 को नगांव जिले के धिंग गांव में हुआ था. हिमा एक साधारण किसान परिवार से हैं. हिमा दास स्कूल के समय से ही फुटबॉल खेलती थी और एक स्ट्राइकर के रूप में अपनी पहचान बनाना चाहती थी. हिमा को धावक के रूप में अपनी पहचान बनाने की सलाह जवाहर नवोदय विद्यालय के शारीरिक शिक्षक शमशुल हक ने दी थी. उनकी सलाह पर हिमा ने दौड़ना शुरू किया.
3 साल पहले ही रेसिंग ट्रैक पर कदम रखा. हिमा के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी.
हिमा के कोच नीपोन ने कहा की हिमा दास जैसी कम उम्र में ऐसी धावक नहीं देखी.
हिमा दास ने अपना आधा वेतन असम में आई हुई बाढ़ के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में दान कर दी है
19 दिनों के अंदर हिमा दास ने पाॅच गोल्ड जीते.
. पहला गोल्ड दो जुलाई को पोलैंड में पोजनन एथलेटिक्स ग्रांड पिक्स 200 मीटर रेस मैं हिस्सा लिया था यहां उन्होंने 23.65 सेकंड में रेस पूरा किया और भारत को गोल्ड जिताया.
. दूसरा गोल्ड 7 जुलाई को पोलैंड में कुटनो एथलेटिक्स मीट में 200 मीटर रेस 23.97 सेकंड मैं पूरा किया गोल्ड दिलवाया.
. तीसरा गोल्ड 13 जुलाई को चेक रिपब्लिक मे हुई क्लांदो मेमोरियल एथलेटिक्स में महिलाओ की 200 मीटर रेस को 23.43 सेकंड में पूरा कर गोल्ड जीता
. चौथा गोल्ड चेक रिपब्लिक में 17 जुलाई को ताबोर एथलेटिक्स मीट में 200 मीटर रेस को 23.25 सेकंड में पूरा किया भारत को गोल्ड दिलाया.
. पांचवा गोल्ड 20 जुलाई को चेक रिपब्लिक में 400 मीटर की रेस को 52.09 सेकंड में पूरा कर भारत को गोल्ड जिता कर गौरवान्वित किया.
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