बदहजमी (अम्ल पित्त)-इसके कुछ घरेलू बचाव
ज्यादा अधिक मिर्च मसाला खट्टी और चटपटी चीजें खाने से पाचन क्रिया वितरित होने लगती हैं बदहजमी की शिकायत होती है अम्लपित्त की उत्पत्ति पित्त की विकृति से होती है जैसे बाहर जाकर चाऊमीन मैगी फास्ट फूड पूरी कचोरी कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन ज्यादा से ज्यादा करता है उन्हें इसकी शिकायत हमेशा रहती है
बदहजमी (अम्ल पित्त) |
जब अम्लपित्त रोग होता है तो खट्टी डकार आना गले और छाती में जलन होना पेट में भारीपन लगना और उल्टी जैसा लगना यह अम्लपित्त रोगी शिकायत होती है
तो चलिए जानते हैं इसके कुछ घरेलू बचाव
1. 10 ग्राम आमली का रस लेकर उसमें 5 ग्राम मिश्री मिलाकर दिन में दो तीन बार सेवन करें
2. 3 ग्राम अजवाइन को पीसकर 200 ग्राम नींबू का रस पानी में मिलाकर दिन में दो बार पीने से अम्ल पित्त की परेशानी से निजात मिलती है
3. मिश्री और जीरा को 10- 10 ग्राम मात्रा में कूट पीसकर दो बार 3 ग्राम मात्रा में भोजन के साथ पानी से इसका सेवन करें
4. सुबह शाम 200 ग्राम गाजर का रस पीने से अम्ल पित्त में आराम मिलता है
5. अम्लपित्त की विकृति में सुबह शाम 1 लोंग चबाकर खाने और पानी पीने से बहुत लाभ होता है
6. संतरे के 100 ग्राम रस में भुना हुआ जीरा आधा ग्राम और सेंधा नमक स्वाद के अनुसार मिलाकर पानी के साथ लेने से अम्लपित्त में आराम मिलता है
7. बेलगिरी के 10 ग्राम पत्तों को जल के साथ पीसकर, फिर 60 ग्राम जल में मिलाकर छान लें और उसमें 10 ग्राम मिश्री मिलाकर इसका सेवन करने से अम्लपित्त की विकृति मैं आराम मिलता है
8. मुलहठी को पीसकर चूर्ण बनाकर रखें फिर 3 ग्राम चूर्ण घी और शहद के साथ मिलाकर चाट कर खाने से अम्ल पित्त की तीव्र जलन शांत होती है
9. 50 ग्राम मूली के रस में थोड़ी-सी मिश्री मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से अम्लपित्त की जलन से मुक्ति मिलती है
10. आंवले का 5 ग्राम चूर्ण 100 ग्राम नारियल पानी के साथ करने से भी पित्त में आराम मिलता
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